मूंगफली की खेती: आपकी जमीन पर पैदा करें लाभदायक फसल

मूंगफली, जिसे भारत में कई जगह “मूंगफली” के नाम से भी जाना जाता है, एक प्रमुख तिलहनी फसल है. यह न केवल खाने में स्वादिष्ट है, बल्कि इसका व्यापारिक महत्व भी काफी है. इसकी खेती करके किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं. आइए, भारतीय किसानों के लिए मूंगफली की लाभदायक खेती करने के बारे में विस्तार से जानें:

  1. जलवायु और मिट्टी (Climate and Soil):

  • मूंगफली गर्म जलवायु वाली फसल है. आदर्श तापमान 20 से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच होता है.
  • अच्छी जल निकास वाली दोमट या बलुआटली मिट्टी मूंगफली की खेती के लिए उपयुक्त मानी जाती है. भारी या जलभराव वाली मिट्टी इससे बचें.
  1. किस्म का चयन (Selection of Variety):
  • अपने क्षेत्र के लिए उपयुक्त मूंगफली की किस्म का चयन करें. रोग-प्रतिरोधी किस्में चुनना फायदेमंद होता है. कुछ लोकप्रिय भारतीय किस्में हैं:
    • गिरनार-1 – सूखा सहनशील, जल्दी तैयार होने वाली
    • प्रगति (Pragati) – अधिक उपज देने वाली, रोग प्रतिरोधी
    • टीएलबी-1 (TLB-1) – लम्बी फलियों वाली, तेल निकालने के लिए अच्छी
    • कांचन (Kanan) – दानेदार मूंगफली, खाने के लिए इस्तेमाल होती है

स्थानीय कृषि विभाग या कृषि विश्वविद्यालय से सलाह लेकर अपने क्षेत्र के लिए सबसे उपयुक्त किस्म का चयन करें.

  1. खेत की तैयारी (Land Preparation):

  • बुवाई से पहले खेत की 2-3 बार जुताई करें. मिट्टी को भुरभुरा बनाने के लिए पाटा चलाएं.
  • खेत से खरपतवार और अवशेष साफ करें.
  • जरूरत के अनुसार गोबर की खाद या कम्पोस्ट खाद डालें और मिट्टी में अच्छी तरह मिला दें.
  1. बीज की मात्रा और उपचार (Seed Quantity and Treatment):
  • एक हेक्टेयर खेत के लिए 80 से 100 किलोग्राम बीज पर्याप्त होते हैं. (यह बुवाई विधि और किस्म के हिसाब से थोड़ा कम या ज्यादा हो सकता है).
  • बुवाई से पहले बीजों को उपचारित करना जरूरी होता है. इसके लिए कार्बेन्डाजिम या थीरम जैसी कवकनाशी दवा का इस्तेमाल कर सकते हैं.
  • बीजों को उपचारित करने के लिए 2-3 ग्राम दवा प्रति किलो बीज की दर से मिलाकर उपचारित करें.
  1. बुवाई का समय और तरीका (Sowing Time and Method):

  • मूंगफली की बुवाई का आदर्श समय मानसून की शुरुआत, यानि जून से जुलाई का महीना होता है.
  • बीजों को सीधे खेत में ही बोया जाता है.
  • कतारों में बीज बोएं. कतारों के बीच की दूरी 45-60 सेंटीमीटर और पौधों के बीच की दूरी 20-25 सेंटीमीटर रखें. बीजों को ज्यादा गहराई में न बोएं, लगभग 3-4 सेंटीमीटर गहराई पर्याप्त है.
  1. खाद और उर्वरक प्रबंधन (Fertilizer Management):

  • मिट्टी परीक्षण कराएं और उर्वरक प्रयोग की मात्रा निर्धारित करें.
  • सामान्यतः, मूंगफली को फॉस्फोरस और कैल्शियम की ज्यादा जरूरत होती है.
  • बुवाई के समय उचित मात्रा में सिंगल सुपर फॉस्फेट और जिप्सम का प्रयोग करें.
  • नाइट्रोजन की मात्रा कम ही डालें या ना डालें.
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