कश्मीरी लाल मिर्च की खेती: आपके खेतों में तीखे मुनाफे का तड़का

कश्मीरी लाल मिर्च अपने बेहतरीन स्वाद और तीखेपन के लिए जानी जाती है. इसकी खेती न सिर्फ कश्मीर में, बल्कि भारत के अन्य उपयुक्त जलवायु वाले क्षेत्रों में भी की जा सकती है. यह लेख भारतीय किसानों के लिए कश्मीरी लाल मिर्च की लाभदायक खेती करने के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करता है:

  1. जलवायु और मिट्टी (Climate and Soil):

  • कश्मीरी लाल मिर्च को ठंडी जलवायु की आदत होती है. आदर्श तापमान 15 से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच होता है.
  • अच्छी जल निकास वाली दोमट या बलुई दोमट मिट्टी इसकी खेती के लिए उपयुक्त मानी जाती है.
  1. किस्म का चयन (Selection of Variety):

  • असली कश्मीरी लाल मिर्च की दो प्रमुख किस्में हैं:
    • लम्बी किस्म (Long Variety) – लंबे और पतले फल, जल्दी तैयार होती है
    • राउंड किस्म (Round Variety) – गोल और मोटे फल, देर से तैयार होती है

अपने क्षेत्र के लिए उपयुक्त प्रमाणित बीज किसी विश्वसनीय कृषि स्टोर या सरकारी कृषि संस्थान से प्राप्त करें.

  1. खेत की तैयारी (Land Preparation):

  • बुवाई से पहले खेत की 2-3 बार जुताई करें. मिट्टी को भुरभुरा बनाने के लिए पाटा चलाएं.
  • खेत से खरपतवार और अवशेष साफ करें.
  • जरूरत के अनुसार गोबर की खाद या कम्पोस्ट खाद डालें और मिट्टी में अच्छी तरह मिला दें.
  • कश्मीरी मिर्च को थोड़ी अम्लीय मिट्टी (पीएच 6.0-6.5) की जरूरत होती है. जरूरत पड़ने पर पीएच को संतुलित करने के लिए सल्फर का प्रयोग करें.
  1. बीज की मात्रा और उपचार (Seed Quantity and Treatment):

  • एक हेक्टेयर खेत के लिए लगभग 1.5 से 2 किलोग्राम बीज पर्याप्त होते हैं.
  • बुवाई से पहले बीजों को उपचारित करना जरूरी होता है. इसके लिए ट्राइकोडर्मा विरिडी या कार्बेन्डाजिम जैसी कवकनाशी दवा का इस्तेमाल कर सकते हैं.
  • बीजों को उपचारित करने के लिए एक लीटर पानी में एक ग्राम दवा मिलाकर बीजों को 30 मिनट के लिए भिगो दें, फिर छाया में सुखा लें.
  1. बुवाई का समय और तरीका (Sowing Time and Method):

  • कश्मीरी लाल मिर्च की बुवाई का आदर्श समय मार्च-अप्रैल का महीना होता है.
  • दो तरीकों से बुवाई की जा सकती है:
    • बीज की सीधी बुवाई (Direct Sowing): कतारों में बीज बोएं. कतारों के बीच की दूरी 60-75 सेंटीमीटर और पौधों के बीच की दूरी 30-45 सेंटीमीटर रखें. बीजों को ज्यादा गहराई में न बोएं.
    • नर्सरी में प苗 तैयार करना (Nursery Seeding): पहले पौध तैयार करने के लिए नर्सरी में बीज बोयें. 6-8 सप्ताह बाद, जब पौधे 10-15 सेंटीमीटर ऊंचे हो जाएं, तो उन्हें खेत में रोप दें.
  1. सिंचाई (Irrigation):

  • कश्मीरी लाल मिर्च को ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती है.
  • विशेष रूप से शुरुआती दौर में और फल बनने के समय हल्की सिंचाई करें.
  • मिट्टी की नमी का ध्यान रखें और जलभराव से हर हाल में बचें.
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